Dengue fever डेंगू बुखार क्या है ?

डेंगू बुखार क्या है ? What is dengue fever ?

यह एक प्रकार का भयानक संक्रमण बुखार है। जो एक विशेष प्रकार के मच्छर के काटने से फैलता है, यह गर्म देशों में पाया जाता है, इसमें रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।

यह एक घातक संक्रमण रोग है, जो क्यूलेक्स मच्छरों के द्वारा फैलता है।इस बुखार में मुख्य रूप से शरीर और विशेष कर हड्डियो में बहुत तेज दर्द और भयानक पीड़ा हुआ करती है। यह एक ऐसा रोग है जिसमें रोगी को अचानक तेज बुखार चढ़ता है। दर्द से सिर फटने लगता है, जोड़ों का दर्द सहा नहीं जाता। दर्द के मारे रोगी अपने हाथ पांव नहीं हिला पाता। कभी-कभी उल्टी होती है और मुंह का स्वाद खराब हो जाता है। लगभग 1 हफ्ते के बाद दर्द धीरे-धीरे कम होने लगता है।

इस  में इतना दर्द होता है मानो कि उन्हें तोड़ा जा रहा हो।इसी कारण इसे ब्रेक बोन फीवर अथवा हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। इसमें भी दाने निकलते हैं। रोगी अत्यंत दुर्बलता का अनुभव करता है। खून में वाइट ब्लड सेल्स की संख्या घट जाती है।

कारण;

डेंगू बुखार एक विषाणु जनित रोग है जिसका कारण फ्लेवीवायरस है। यह विषाणु एडीजी नामक मच्छर से फैलता है। जो बरसात के मौसम में अधिक पाए जाते हैं। यह मच्छर ठहरे हुए पानी, टिन के डिब्बों, टूटी बोतलों, अग्निशामक बाल्टी,  पुराने टायर फूलदान, मिट्टी के बर्तन, नारियल के खोल, पेड़ों के खोखे, आदि स्थानों पर तेजी से पनपते हैं।यह मच्छर गहरे काले रंग का होता है और इसके शरीर पर तथा टांगों पर सफेद धारिया होने के कारण इसे टाइगर मच्छर भी कहा जाता है।

यह मच्छर दिन के समय मनुष्य को काटते हैं। इस रोग का सर्वाधिक प्रकोप अधिक जनसंख्या वाले शहरों में पाया जाता है। यह रोग सभी आयु के व्यक्ति को हो सकता है।यदि घर के एक व्यक्ति को बुखार हो जाए तो अनेकों को एक साथ हो सकता है।

यदि कोई साधारण मच्छर इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को काट लें और रक्त चूस कर किसी अन्य व्यक्ति को काट ले तो उसके मुख से एक प्रकार के विषाणु शरीर में प्रवेश हो जाते हैं उपरांत उसे भी डेंगू बुखार उत्पन्न हो जाता है।

डेंगू बुखार के लक्षण:

शरीर में विषाणु के प्रवेश होने के बाद कुछ समय के लिए शरीर अस्वस्थ मालूम होता है।और शरीर में बहुत तेज दर्द उत्पन्न हो जाता है। उसके बाद बहुत ठंड लगने लगती है व बुखार आ जाता है। शरीर की हड्डियों में तेज दर्द होता है।इसमें मुख्य रूप से सिर में तेज दर्द हड्डियों में टूटने के समान दर्द कमर में दर्द ठंड लगना सर्दी अधिक लगना नींद ने आना बेचैनी हाथ की उंगलियों से आरंभ होती है और उसके स्थान से दूसरे स्थान में हट हट कर दर्द होता है।

रोगी की जांघों में बहुत अधिक दर्द होता है। रोगी की रोशनी भी कम हो जाती है। शरीर का तापमान 102 से 107 डिग्री तक हो जाता है। रोगी का गला और होंठ सूख जाते हैं।बुखार अधिक तेज होने पर रोगी बड़बड़ आने लगता है। मुंह का स्वाद कड़वा हो जाता है,कुछ खाने पीने की इच्छा नहीं रहती और कब्ज की शिकायत रहती है।अगर बुखार कुछ कम भी हो जाए तो शरीर की हड्डियों में दर्द बना रहता है। कानों में सूजन आ जाती है सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है कभी-कभी रोगी को खून की उल्टी और दस्त के साथ खून आने लगता है। ऐसी स्थिति में रोगी की मृत्यु भी हो जाती है।

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