Constipation : कब्ज के कारण और लक्षण

 कब्ज (constipation) क्या है?

आंतों से मल ने निकले व बहुत कम निकले या मुश्किल से निकले अथवा बंधा हुआ निकले यही कब्ज  है।अर्थात खानपान आहार-विहार की अन्य गड़बड़ियों के फल स्वरुप मल का आंतों में रुक जाना ही कब्ज है।

कब्ज की व्यवस्था है, जिसमें आहार का अवशेष(Residue) 48 घंटों के समय में भी बाहर नहीं निकल पाता है।

Constipation : कब्ज के कारण और लक्षण
Constipation : कब्ज के कारण और लक्षण
 कब्ज होने के कारण: 
  • हर समय कुछ न कुछ खाते रहना, मसालेदार चीजों का अत्यधिक सेवन करना।
  • बासी या सूखा भोजन करने से कब्ज हो जाती है।
  • मादक पदार्थों के सेवन से पेट में शुष्कता उत्पन्न होकर मल शुष्क हो जाता है।
  • विद्युत् चक्की का चिकना महीन आटा, बिना छिलके की दाल, पॉलिश किए हुए चावल, चोकर रहित आटा, चिकना मैदा, छिलका रहित बनाई गई सब्जियां, रेसा रहित आहार का अत्यधिक सेवन।
  • पानी कम पीने की आदत।
  • परिश्रम रहित जीवन।
  • मल त्याग के लिए चाय या बीड़ी/सिगरेट के उपयोग की आदत।
  • चिंता ,भय, क्रोध आदि मानसिक विकार
  • अत्यधिक परिश्रम एवं अपर्याप्त आहार।
  • बवासीर भगंदर आदि मल मार्ग के रोगों के कारण मल त्याग के समय होने वाली पीड़ा के डर से मल त्याग को रोके रखने की प्रवृत्ति।

कुछ अन्य कारण भी रोग पैदा करने में सहायक है-

  • लंबी बीमारी के कारण शारीरिक दोषों का अत्यधिक प्रकोप और शरीर के सभी अवयवों का अपना -अपना काम ठीक से ने करना।
  • भोजन की कम मात्रा भोजन में सब्जियों तथा विटामिनों की कम मात्रा, भोजन सही ढंग से चबाकर ने खाना।
  • पेट की पेशियों की दुर्बलता, आंतों की कमजोरी, वृद्धावस्था, खून की कमी, आंतों की गति कम करने वाले खाद्य पदार्थ।

थायराइड तथा पिट्यूटरी ग्रंथियों के स्रावों की कमी। 

नोट-
कब्ज कोई स्वतंत्र रोग नहीं है, लेकिन किसी भी कारण से कब्ज होने पर अनेक दूसरी रोग, विकारों की उत्पत्ति होने लगती है ।
जुलाबो से कब्ज हो सकती हैं-
दवाइयां जुलाब नियमित लेना कब्ज का एक प्रमुख कारण है।जुलाब एक-दो दिन तक आंतों का पूरी तरह खाली कर देता है और उसके बाद आंतों में इतना कुछ नहीं वच जाता कि अगले दिन  मल के लिए दबाव बने।
कब्ज होने पर खाना नहीं छोड़ना चाहिए- 
अनेक लोग कब्ज हो जाने पर खाना छोड़ देते हैं। वे सोचते हैं कि पहले से ही पेट में इतना कुछ भरा हुआ है, इसलिए जब तक वह मल बाहर नहीं आ जाता तब तक वे और अधिक कैसे खा सकते हैं। मगर यह पूरी तरह से गलत है, इसलिए कब्ज होने पर भी भोजन नहीं छोड़ना चाहिए।

 

कब्ज होने पर क्या -क्या लक्षण हो सकते हैं-
 
कब्ज होने पर मल कठिनता से आती है। मल सुखा हुआ और बहुत पीड़ा देता है। कब्ज के रोगी का पेट हर समय भारी बना रहता है। रोगी की भूख धीरे-धीरे कम होने लगती है। परंतु कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी भूख बढ़ जाती है। अक्सर पेट में हल्का हल्का मीठा -मीठा दर्द बना रहता है। ऐसा दर्द कुछ रोगियों में नहीं भी होता है तथा कुछ को कभी-कभी उठता है। जीभ पर मेल की परत हर समय बनी रहती है। अधिकांश कब्ज के रोगियों के मुंह से दुर्गंध आती रहती है। आंतों में भोजन की सड़ान से सिर दर्द, शरीर दर्द, सिर चकराना, उल्टी होना, किसी काम में मन नहीं लगना, मानसिक तनाव जैसे लक्षण हो सकते हैं। कब्ज के रोगी को बुखार, सुस्ती, नींद नहीं आना, अफारा, आदि लक्षण विशेष रूप से होते हैं। अधिक समय तक कब्ज वने रहने से घबराहट और बेचैनी होने लगती है। किसी काम में मन नहीं लगता और न कुछ खाने की इच्छा होती है।
कब्ज स्वयं में एक कष्टदायक रोग है, किंतु गर्भावस्था व बवासीर में कब्ज होने पर स्थिति अत्यंत चिंताजनक हो सकती है।
 
लंबे समय तक कब रहने से पेट में गैस बनने लगती है। गैस बनने से सिर में बहुत दर्द होता है । जब यह गैस हृदय को प्रभावित करती है तब रोगी बहुत घबराहट अनुभव करता है। कब्ज के कारण एसिडिटी होने पर छाती में गले में जलन होती है । रोगी को बार-बार खट्टी डकारे आती हैं मुंह में कड़वाहट वनी रहती है जी मिचलाता  है जिसके कारण उल्टी हो जाती है इसके अतिरिक्त कुछ रोगियों में त्वचा पर धब्बे चकत्ते आदि निकलने लगते हैं।

 

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