Chicken pox ( छोटी माता ) चेचक के कारण और लक्षण

चेचक क्या है ? – What is chicken pox ?

यह एक प्रकार का संक्रमण रोग है, जो रोगी के वस्त्रों और वायु द्वारा फैलता है। यह रोग बच्चों को अधिक होता है। इसे शीतला, चेचक, देवी निकलना आदि नामों से जाना जाता है।चिकन पॉक्स वेरिसैला जोस्टर नामक वायरस से होने वाला एक अत्यंत खतरनाक संक्रमण बीमारी है, जो संपर्क में आने वाले ज्यादातर लोगों को अपनी गिरफ्त में लेती है।

Chicken pox ( छोटी माता ) चेचक के कारण और लक्षण
Chicken pox ( छोटी माता ) चेचक के कारण और लक्षण

अमेरिका व अन्य पश्चिमी देशों में यह ज्यादातर बच्चों में ही होती है, लेकिन भारत में यह बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी को भी हो सकती है। इसे माता का प्रकोप समझकर इलाज नहीं कराते इसलिए यह बीमारी बहुत ही खतरनाक रूप ले लेती है।

रोग का प्रसार:

मरीज के छींकने व खांसने से चिकन पॉक्स वायरस सैकड़ों व हजारों की संख्या में मरीजों के पास से वातावरण में फैल जाती हैं और यह वायरस सांस की नली व आंखों की  conjunctiva के द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।शुरू के कुछ हफ्तों तक वायरस के शरीर में रहने के बावजूद उसके कोई लक्षण प्रकट नहीं होते हैं। इस दौरान वायरस शरीर की कोशिकाओं में फलता फूलता है और धीरे-धीरे अपनी संख्या बढ़ाता है,उसके बाद धीरे-धीरे शरीर में चिकेन पॉक्स के सारे लक्षण आने शुरू हो जाते हैं।

Chicken pox के लक्षण:

  • दाने निकलने से 2 या 3 दिन पहले तेज या हल्का बुखार आना व हल्की ठंड लगना शुरू होती है।
  • उल्टी का आना, भूख नहीं लगना, चिड़चिड़ापन हो जाना।
  • सिर दर्द, बदन दर्द, गला खराब होना व खांसी आना।
  • सबसे पहले छोटे मटर के दानों में बराबर आकार के लाल रंग के दाने पेट व सीने से निकलना फिर दोनों का तेजी से चेहरे सिर, हाथों व पैरों से निकलना व फैल जाना।
  • दानों में तेज खुजली आती है।
  • लगभग 4 या 5 दिन तक दानों का निकलना और नौवें दिन से दानों में पपड़ी बनना शुरू हो जाती है।
  • बुखार 2 से 3 दिन तक रहता है।
बच्चों में यह कम घातक है और दो या तीन हफ्तों में ठीक हो जाती है। किंतु किशोरों, बुजुर्गों और एक वर्ष से कम बच्चों मेंं काफी जटिलताएं हो जाती  है। निमोनियाा भी हो जाती है। तेज बुखार आने पर झटकेे आते है।

कुछ सुझाव
रोगी को अलग कमरे में रखना चाहिए।
पीने के लिए सादा पानी और दूध दे।
बुखार आने पर पेरासिटामोल या एस्प्रिन का प्रयोग भूलकर भी नहीं करें।

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