Agaricus Muscarius 30 की जानकारी लाभ और फायदे in hindi

 

Agaricus Muscarius 30 की जानकारी लाभ और फायदे in hindi.

 

 

एगेरिकस मस्केरियस ऐसे लोगों को विशेष रूप से दी जाती है जिनकी शरीर की मांसपेशियों शरीर की विभिन्न अंग अचानक से फड़कने लगते हैं, अंगों में बेचैनी होती है हाथ पैर आंखें फड़कने लगते है अगर रोगी के पैरों में कंपन हो रहा है तो रोगी से सही तरह से चला नहीं जा सकता रोगी चलते हुए गिर जाता है, हाथों से कोई भी चीज नहीं पकड़ सकता पकड़ने पर वह चीज बार-बार छूट कर नीचे गिर जाती है। तो ऐसी स्थिति में इस मेडिसन का विशेष रूप से इस्तेमाल करना चाहिए। अगर यह कंपन लगातार बना रहे तो रोगी को इस कारण कई गंभीर रोग पैदा हो जाते हैं।

 

 इस मेडिसन में विशेष लक्षण यह देखा जाता है जब रोगी जागता है तो यह कंपन होता है लेकिन सोने समय यह कंपन नहीं होता। इस मेडिसन के रोगी को सारे शरीर में ऐसा अनुभव होता है जैसे शरीर पर चीटियां चल रही है। यह अनुभव केवल त्वचा पर सीमित नहीं रहता त्वचा के भीतर रोगी के मांस पर भी चीटियों के चलने जैसा अनुभव होता है शरीर का कोई भाग इस प्रकार के अनुभव से बचा नहीं रहता। त्वचा या अन्य भागों पर कभी ठंडी कभी गर्म सुई चुभने जैसा अनुभव होता है।

 

 शरीर के जिस अंग में खून की गति कम होती है, जैसे कान नाक हाथ उंगलियां अंगूठे आदि उनमें चुभन सी होती है जलन अनुभव होती है ऐसी चुभन और जलन मानो यह भाग ठंड से जम गए हो इस लक्षण के होने पर किसी भी रोग में यह औषधि लाभ पहुंचाती है। ठंड के मौसम में या बर्फ के संपर्क में आने पर रोगी की त्वचा पर सूजन आ जाती है वहां पर बहुत अधिक खुजली होती है जलन की शिकायत रहती है  खूजाते समय खून निकल सकता है, हमेशा वहां की त्वचा पर लालीपन बना रहता है रोगी त्वचा के कारण बेचैनी अनुभव करता है तो ऐसी कंडीशन में इस मेडिसन का विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है। 

वृद्धावस्था में मनुष्य के खून की गति धीमी पड़ जाती है। शरीर में झुर्रियां पड़ जाती हैं सिर के बाल उड़ने लगते हैं। वृद्धावस्था के अलावा युवा लोगों में भी जब अधिक सेक्स करने लगे तब उनका स्वास्थ्य भी गिर जाता है। वृद्धावस्था में खून की कमी होने के कारण और युवावस्था में अधिक सेक्स करने के कारण या अन्य किसी कारण से स्पाइनल कॉर्ड संबंधी रोग उत्पन्न हो जाते हैं, जिस कारण मांसपेशियां फडकने लगती है कमर दर्द की शिकायत रहती है कमर में कड़ापन आ जाता है पैरों में चलने की जान नहीं रहती चक्कर अधिक रहते हैं सिर भारी रहता है। किसी काम में मन नहीं लगता युवा व्यक्तियों में जब अधिक सेक्स करने से लक्षण उत्पन्न हो रहे हो तो उस समय इस मेडिसन का इस्तेमाल करना चाहिए, ऐसी स्त्रियां जो सेक्स के बाद दौरे पड़ने की शिकायत करती हैं। बेहोशी आ जाती हैं उनके लिए यह एक रामबाण औषधि है। जब स्त्री और पुरुष में सेक्स करने की इच्छा अधिक रहती है। चूमने की अधिक इच्छा रहती है। सेक्स करने के बाद बहुत अधिक कमजोरी आ जाती है कमर दर्द की शिकायत रहती है, कमर में जलन रहती है अंगों में कमजोरी आ जाती है ऐसी स्थिति में यह औषधि लाभ करती है।

 स्त्रियों को यह अनुभव होता है कि उनका यूटरस बाहर निकल जाएगा वह टांगे सिकुड़ कर बैठी रहती हैं। साथ में अगर स्त्री की गर्दन कांपती है सोने के बाद उसका कंपन बंद हो जाता है ऐसा अनुभव शरीर में गर्म या ठंडी सुई चुभने जैसा अनुभव होता है तो उस समय इस मेडिसन का इस्तेमाल करना चाहिए।

अगर रोग के लक्षण एक ही समय में तिरछे प्रकट हो रहे हैं जैसे गठिया का दर्द दाएं हाथ में और बाएं पैर में एक ही समय में प्रकट होता है या बाएं हाथ में व दाएं पैर में एक ही समय में प्रकट होता है तो उस समय इस मेडिसन का इस्तेमाल करना चाहिए।

 रोगी को छाती में बोझ अनुभव होता है। घबराहट होती है और पसीना अधिक आता है। हर बार खांसने के बाद तेज छींक आती हैं। खांसना और छींकना इसी प्रकार लगातार आता रहता है। अगर रोगी को छाती का कष्ट होता है तो खांसी जुकाम की शिकायत रहती है। रात को पसीना अधिक आता है नर्वस सिस्टम संबंधी बीमारियां हो जाती है, खांसी और छींके आना शाम को पसीना अधिक आता है। खांसने में बलगम निकलता है रोगी की तबीयत बहुत खराब हो जाती है तो उस समय इस मेडिसन का इस्तेमाल करना चाहिए। रीड की हड्डी के रोग हो जाने के बाद रोगी को अक्सर चलने फिरने में बार बार ठोकर खाकर गिरना पड़ता है, हाथों में से बर्तन बार बार गिर जाते हैं बर्तन का हाथ से बार-बार गिरना इस औषधि का एक लक्षण है रोगी आग के पास बैठा रहना चाहता है।

रीड की हड्डी को दबाने से हंसी का आना इस औषधि का मुख्य लक्षण है।

चलते समय पैर की एड़ी में दर्द होता है जैसे किसी ने काट लिया हो।

अगर बच्चे देरी से चलना और बोलना सीखे तो इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए। इस औषधि का अद्भुत लक्षण यह है, कि पेशाब करते समय ऐसा लगता है कि पेशाब ठंडा है जबकि पेशाब बूंद-बूंद करके निकलता है।

गोनोरिया के पुराने रोगियों में जिनके मूत्राशय में पेशाब करते हुए देर तक खुजलाहट और सुरसुराहट बनी रहती है, और पेशाब की अंतिम बूंद निकलने में बहुत देरी लगती है तो इस मेडिसन का इस्तेमाल करना चाहिए।

रोगी आंखें इधर-उधर घूमता रहता है। पढ़ नहीं सकता अक्षर सामने से हटते जाते हैं आंखों के सामने काली मक्खियां, काले दाग या जाला दिखाई देता है। तो ऐसी कंडीशन में एगेरिकस मस्केरियस का विशेष रूप से इस्तेमाल करना चाहिए दोस्तों इन सारे लक्षणों में एगेरिकस मस्केरियस बहुत अच्छा काम करती है एगेरिकस मस्केरियस एक बेस्ट होम्योपैथिक मेडिसिन है। 

 

YouTube channel 👈

 

Leave a Comment