लो ब्लड प्रेशर होने पर क्या होता है, Hypotension, low blood pressure, निम्न रक्तचाप के कारण,

    लो ब्लड प्रेशर क्या है ?What is low blood pressure ?      यदि किसी व्यक्ति का सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 100 और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 60 से कम हो तो इसे निम्न रक्तचाप या लो ब्लड प्रेशर कहते हैं। लो ब्लड प्रेशर होने पर रोगी को गंभीर रोग हो जाते हैं। अगर खून की बहुत कमी हो तो लो ब्लड प्रेशर की स्थिति बन जाती है। कई बार ह्रदय के कारण भी लो ब्लड प्रेशर हो जाता है। शरीर में किसी तरह का संक्रमण होने पर निम्न रक्तचाप की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
   लो ब्लड प्रेशर के कारण : Causes of low blood pressure:
  • अगर रोगी को खून की कमी है तो उसे लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है।
  • भोजन में प्रोटीन की कमी के कारण निम्न रक्तचाप हो जाता है।
  • कमजोरी और शरीर में पानी की कमी के कारण भी निम्न रक्तचाप की समस्या हो जाती है।
  • लंबे समय तक कोई रोग रहने या शरीर में किसी तरह का संक्रमण होने पर लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है।
  • कई प्रकार की दवाइयां भी ब्लड प्रेशर कम कर देती हैं।
  • हृदय में ब्लड की मात्रा कम हो जाने पर लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है। जिस कारण रोगी को हार्ड से संबंधित कई समस्याएं जैसे हार्टअटैक, बाल्व में रुकावट आदि समस्याएं हो जाती हैं।
  • शरीर से खून के अधिक बह जाने से भी ब्लड प्रेशर में गिरावट आ जाती है।
  • बहुत अधिक समय तक खड़े रहने से।
  • एलर्जी के कारण भी रक्तचाप कम हो जाता है।
  • आंतों में सूजन के कारण भी ब्लड प्रेशर कम हो जाता है।
  • लू लग जाने से ब्लड प्रेशर में कमी आ जाती है।
  • ज्यादा शराब पीने से।
  • बहुत ज्यादा गर्म वातावरण में रहने से।
  • गुर्दे की बीमारी होने पर।
 
         कभी-कभी लो ब्लड प्रेशर की समस्या बिना किसी कारण के देखने को मिलती है। रोगी लेटने के बाद जैसे ही खड़ा होता है तो वह चक्कर खाकर एकदम गिर जाता है। यह बेहोशी कुछ समय ही रहती है।
 
 
लो ब्लड प्रेशर के लक्षण :Symptoms of low blood pressure:
  • रोगी को शुरू में सिर दर्द और चक्कर आने शुरू होते हैं।
  • लो ब्लड प्रेशर की स्थिति में रोगी के हाथ – पैर ठंडे पड़ जाते हैं।
  • रोगी में चिड़चिड़ापन आ जाता है।
  • थकान रहती है।
  • किसी काम में मन नहीं लगता।
  • शरीर का तापमान भी कम हो जाता है।
  • माथे तथा शरीर के अन्य भागों में पसीना आ जाता है
  • त्वचा का रंग पीला पड़ जाता है।
  • सांस लेने में कष्ट होता है।
  • भूख कम हो जाती है।
  • आंखों के सामने अंधेरा आ जाता है।
  • रोगी को पेशाब कम आता है।
  • कोई काम करने पर सांस फूलने लगती है।
  • रोगी चुपचाप पड़ा रहता है परंतु वह होश में होता है।
  • रोगी की दृष्टि बहुत कम हो जाती है।
  • मांसपेशियों में ऐंठन रहती है।
  • हाथ पैर कांपते हैं।
  • कुछ रोगियों को नींद नहीं आती है।
  • रोगी को सुस्ती सिर दर्द और चक्कर आने के लक्षण प्रकट होते हैं।
 
 
सामान्य उपचार : Common Treatment:
  • रोगी को पूर्ण आराम दे।
  • जहां तक हो सके रोगी को प्रोटीन युक्त भोजन भरपूर मात्रा में दें।
  • रोगी को मानसिक विकारों से बचाए।
  • भोजन में नमक की मात्रा अधिक दे।
  • चाय में भी नमक मिला कर दिया जा सकता है।
  • रोगी को विशेषकर सर्दियों में अधिक नमक खाने का परामर्श दें।
  • लेटने के बाद उठने पर कुछ देर बैठे उसके बाद रोगी को चलना शुरू करना चाहिए।
  • रोगी को विटामिन अधिक मात्रा में दें।
  • खून की कमी होने पर रोगी को शीघ्र खून चढ़ा देना चाहिए।
 

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       यह रोग शरीर में खून की कमी और कमजोरी से अधिक होता है। रोगी को प्रोटीन वाले भोजन जैसे दूध, पनीर, अंडे, मक्खन, बदाम, पका हुआ मांस अधिक मात्रा में दें। यदि रोगी को दस्त, उल्टी आए तो उसको बार-बार पानी, दूध, फलों का रस पीने को कहे। 
 
       

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