पेशाब में जलन और दर्द के कारण, लक्षण और बचाव

 

पेशाब में जलन और दर्द क्या है ?What is urination and burning sensation?


     मूत्राशय से मूत्र को बाहर ले जाने वाली ट्यूब में या फिर जननांगों के आस-पास के क्षेत्र में जलन और दर्द महसूस होता है। पेशाब में जलन होना अपने आप में एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह अन्य बीमारियों का लक्षण होता है। पेशाब में जलन महसूस होने पर उसी समय डॉक्टर के पास उसका परीक्षण करा लेना चाहिए। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होता है और युवा पुरुषों की तुलना में यह बूढ़े पुरूषों में अधिक पाया जाता है। अक्सर यह मूत्र पथ के संक्रमण का संकेत देता है एवं कई बार यह यौन संचारित संक्रमण का संकेत भी देता है।



पेशाब में दर्द और जलन के कारण :Causes of urination pain and burning sensation:


  • अगर जननांगों की बाहरी त्वचा पर घाव आदि बने हुऐ हैं, तो उन पर पेशाब लगने से दर्द व जलन आदि हो सकती है।
  • योनि में सूखापन रहना।
  • मूत्र मार्ग में संक्रमण हो जाने के कारण।
  • मूत्र मार्ग में सूजन हो जाने पर।
  • प्रोस्टेट ग्रंथि का संक्रमण हो जाने के कारण।
  • योन संबंधी रोग हो जाने के कारण।
  • प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ जाने पर।
  • कैथेटर लगाने पर भी जलन और दर्द हो सकता है।
  • बार-बार ड्यूशिंग व अन्य जलन व परेशानी करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करने से भी पेशाब करने में जलन एवं परेशानी हो सकती है।
  • मूत्र मार्ग में न्यूरोलॉजिकल समस्या हो जाने के कारण।
  • मूत्रमर्ग या पुरुषों के प्रोस्टेट ग्लैंड का कैंसर हो जाने के कारण।
  • इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाने के कारण।
  • डायबिटीज की समस्या हो जाने पर।
  • योनि में संक्रमण हो जाने पर।
  • मूत्राशय या गुर्दों में पथरी होने के कारण।
  • जननांगों में दाद की समस्या होने पर।
  • अधिक उम्र हो जाने पर।
  • गर्भावस्था के दौरान भी जलन और दर्द हो सकता है।
  • अधिक साइकिल चलाने या घुड़सवारी करने के कारण भी पेशाब करते समय जलन और दर्द की शिकायत रहती है।


पेशाब में जलन और दर्द के लक्षण :Symptoms of urination and burning sensation:

  • कमर और उसके आसपास दर्द की शिकायत रहना।
  • रोगी को उल्टी आती है।
  • दस्त की शिकायत बनी रहती है।
  • पेट में दर्द हो सकता है।
  • पेल्विक के आसपास दर्द की शिकायत बनी रहती है।
  • जांघों के अंदरूनी हिस्सों में दर्द की शिकायत रहना।
  • बुखार का आना।
  • शरीर का कंपन करना।
  • पेशाब में से दुर्गंध आती है।
  • पेशाब में खून का आना।
  • पेशाब का अधिक आना।
  • खुजली का होना।
  • जननांगों में छाले या फफोलो का होना।
  • सेक्स के दौरान परेशानी का अनुभव होना।
  • एड्स, क्लामिडिया या सिफलिस भी पेशाब में दर्द व जलन का कारण बन सकते हैं।
  • पेशाब शुरू करने में कठिनाई महसूस होना।
  • पेशाब के रंग में परिवर्तन आ जाना।
  • पेशाब में पस व धुंधलापन दिखाई देना।


पेशाब में जलन और दर्द से बचाव :Prevention of urinary irritation and pain:

  • अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें।
  • सूती और ढीली अंडरवियर पहनें, नॉन-बाइडिंग कपड़े पहनें जो गर्मी और नमी को नहीं खींचती। 
  • सेक्स करते समय हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें।
  • अपना मूत्राशय हमेशा खाली रखें।
  • शराब और कॉफी का सेवन बंद कर दें।
  • अनेक लोगों के साथ सेक्स करने से बचें।
  • अगर आपको डिस्यूरिया की समस्या है तो जननांगों को उत्तेजित करने वाले किसी भी उत्पाद का सेवन करने से बचें।
  • लंबे समय तक पेशाब को नहीं रोके।
  • सोते समय सेक्स करें।
  • सेक्स करने के बाद पेशाब करें।

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